Wednesday 22 July 2015

तेरी यादों का मौसम

मौसम ने मिजाज़ बदल कर ली अंगडाई है
तेरी यादों के मौसम की फिर याद आई है,

तेरे जिस्म की खुशबु का पैगाम कुछ यूँ आया
बारिश की बूंदों ने दरवाजे पर दस्तक लगाई है.  


© रविश 'रवि'
raviishravi.blogspot.com

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