सादर ब्लॉगस्ते!: शोभना फेसबुक रत्न सम्मान प्रविष्टि संख्या - 11: ये अंतहीन सफर !!! न जाने कौन है वो... जिसके लिए चमकता है... रात भर !!! कितनी सदियाँ बीत गयी हैं और अभी कितनी बीतेंगी यूँ ही... फलक...
Wednesday 27 February 2013
सादर ब्लॉगस्ते!: शोभना फेसबुक रत्न सम्मान प्रविष्टि संख्या - 11
नमस्कार दोस्तों,
सादर ब्लॉगस्ते!: शोभना फेसबुक रत्न सम्मान प्रविष्टि संख्या - 11: ये अंतहीन सफर !!! न जाने कौन है वो... जिसके लिए चमकता है... रात भर !!! कितनी सदियाँ बीत गयी हैं और अभी कितनी बीतेंगी यूँ ही... फलक...
सादर ब्लॉगस्ते!: शोभना फेसबुक रत्न सम्मान प्रविष्टि संख्या - 11: ये अंतहीन सफर !!! न जाने कौन है वो... जिसके लिए चमकता है... रात भर !!! कितनी सदियाँ बीत गयी हैं और अभी कितनी बीतेंगी यूँ ही... फलक...
Monday 25 February 2013
इन्तेज़ार....
था वादा आज रात का,
सुनेगा वो मेरी शिकायतों कों....
करता रहा इन्तेज़ार मै
और सूरज आज ढला ही नहीं.
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Friday 15 February 2013
मै हूँ तन्हा...
तेरे लबों के साये में
हुई आज सहर....
तेरे पहलु में
छुपी है आज की शाम....
शर्माता हुआ निकला चाँद
तेरे शानों की ओट से....
रात भी मांग रही है पनाह
तेरी जुल्फों के आँगन में....
और
मै
रहा हूँ तन्हा....
आज भी.
रविश ‘रवि’
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Monday 4 February 2013
हाथों की लकीरें....
माना
के तेरे हाथों की लकीरों में मेरा नाम तो नहीं ,
तुने
मुझे याद न किया हो,ऐसी भी तो कोई शाम नहीं.
रविश
‘रवि’
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