raviish 'ravi'
Thursday 20 February 2014
ये साल
एक नजूमी
*
ने कहा था, ये साल अच्छा गुजरेगा,
कुछ और दोस्तों की नज़र में, मै बेवफा हो गया.
*
ज्योतिषी
©
रविश
'
रवि
'
raviishravi.blogspot.com
www.facebook.com/raviish.ravi
Monday 17 February 2014
तपिश और चांदनी
कुछ
तपिश
चाँद
की
चुरा
लेता
हूँ
कुछ
चांदनी
सूरज
की
चुरा
लेता
हूँ
,
कभी
इसके
साथ
सहर
बसर
कर
लेता
हूँ
कभी
उसके
साथ
शाम
गुजर
कर
लेता
हूँ
|
रविश
'
रवि
'
raviishravi.blogspot.com
www.facebook.com/raviish.ravi
Sunday 9 February 2014
मुफलिसी
ये कैसी हवा चली है ए ग़ालिब
मुफलिसी भी नीलम हुयी जाती है
उडाकर मजाक गरीबों की भूख का
सियासत की रोटी सेकी जाती है.
रविश
'
रवि
'
raviishravi.blogspot.com
www.facebook.com/raviish.ravi
Monday 3 February 2014
सर्दियों की सुबह
कोहरे की चादर में
लिपटी सड़कें
अलसाता हुआ आलम
रजाई के गर्माइश में
लिपटा जिस्म
सर्दियों में
सुबह अक्सर
ऐसे ही होती है.
रविश
'
रवि
'
raviishravi.blogspot.com
www.facebook.com/raviish.ravi
Newer Posts
Older Posts
Home
Subscribe to:
Posts (Atom)