Monday 17 February 2014

तपिश और चांदनी

कुछ तपिश चाँद की चुरा लेता हूँ
कुछ चांदनी सूरज की चुरा लेता हूँ,
कभी इसके साथ सहर बसर कर लेता हूँ
कभी उसके साथ शाम गुजर कर लेता हूँ
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रविश 'रवि'
raviishravi.blogspot.com

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