Tuesday 16 April 2013

टूटे सपनें !!!


बिखरे पड़े हैं
सपने
टूट कर,
किराये की छत पर,
सूरज की तपिश 
डाल देती है
उनमे
कुछ
ओर दरारें,
हर रोज़ !!!  


रविश 'रवि'

raviishravi.blogspot.com
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