घर की दीवारों को
हैं बहुत उम्मीदें....
इस बरस तो वो चमकेंगी ही !!!
अरसा हो गया
दीवारों को रंगें हुए ...
तेरे नाज़ुक हाथों की
मेहंदी के निशां
आज भी चमकते हैं
काली पड़ी दीवारों पर....
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