Monday 20 January 2014

रात

मै दरकता रहा
रात सरकती रही,
चाँद चढ़ता रहा
रात कटती रही,
वक्त चलता रहा
रात होती रही,
तेरे ख्वाबों के शानों पर
मेरी रात बीतती रही.



रविश 'रवि'
raviishravi.blogspot.com

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