Tuesday 28 January 2014

तेरे मेरे दरमियां !!!

तेरे मेरे दरमियां
न जाने
ये कैसा खिचाव है ?

तलाशता रहता हूँ
खुद को
तेरे पहलु में, 

न जाने
कहाँ खो हो गया 
मेरा अक्स ! 
इन घुमावदार..टेढ़े-मेढे
रास्तों पर.  

तेरे मेरे दरमियां
न जाने
ये कैसा खिचाव है...
ए ज़िंदगी !!!



रविश 'रवि'
raviishravi.blogspot.com
www.facebook.com/raviish.ravi

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