Tuesday 24 March 2015

दोस्ती

कभी-कभी गैरों से भी मिला करो,
कहते हैं अपने क्या, सुना करो,
होंगे यूँ तो बहुत अज़ीज़ तुम्हारे
दुश्मनों से भी दोस्ती रखा करो.


© रविश 'रवि'
raviishravi.blogspot.com

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