कभी-कभी गैरों से
भी मिला करो,
कहते हैं अपने क्या, सुना करो,
होंगे यूँ तो बहुत अज़ीज़ तुम्हारे
दुश्मनों से भी दोस्ती रखा करो.
कहते हैं अपने क्या, सुना करो,
होंगे यूँ तो बहुत अज़ीज़ तुम्हारे
दुश्मनों से भी दोस्ती रखा करो.
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