Thursday 16 May 2013

नींद का सौदा


जैसे-जैसे
अक्स-ऐ-शाम
पैर फैलाती है
वैसे-वैसे
दिल बैठता जाता है
रात बैरन फिर आयेगी
नींद का
सौदा करने !!!




रविश 'रवि'
raviishravi.blogspot.com
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