Friday 31 May 2013

मेरे होने की वजह

वो मेरे होने का सिला मांगता है
यूँ मेरे जीने की वजह मांगता है
खिलती है मेरी धूप उसके आंगन में,
वो मेरे मुस्कराने की वजह मांगता है.



रविश 'रवि'
raviishravi.blogspot.com
www.facebook.com/raviish.ravi


No comments:

Post a Comment