बहुत मुश्किल से
गुजरेगी आज की रात,
है वादा किसी का
आयेगा आज वो मेरे पास,
सितारों...छुप जाओ
तुम आसमां के आगोश में,
न करो गुफ्तगू
बिता दो रात खामोश में,
चाँद...तु भी
चांदनी को समेट ले
हो न जाए वो रुसवा
कोई उसे देख न ले.
© रविश 'रवि'
गुजरेगी आज की रात,
है वादा किसी का
आयेगा आज वो मेरे पास,
सितारों...छुप जाओ
तुम आसमां के आगोश में,
न करो गुफ्तगू
बिता दो रात खामोश में,
चाँद...तु भी
चांदनी को समेट ले
हो न जाए वो रुसवा
कोई उसे देख न ले.
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