Thursday 22 January 2015

सियासत

बहुत फलफुल रहा है कारोबार बेवफाई का,
शहर में मौसम है चुनाव की गरमाई का,

सियासत में बदल जाते है चेहरे और मोहरे,   
निकलता है यहाँ रोज़, ज़नाज़ा वफाई का.


© रविश 'रवि'
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