Wednesday 24 September 2014

शिकायत

लोग जीने की ज़िद में जिये जाते हैं 
तुम ज़िद में जीने की बात करते हो,
ज़ख्म देने के लिए इंसां क्या कम हैं 
तुम हवाओं से भी  शिकायत करते हो।


© रविश 'रवि'
raviishravi.blogspot.com

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